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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव भले ही 6 महीने बाद होने हो लेकिन कांग्रेस विधायक सचिन पायलट खुद ही अपनी पार्टी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ धोकर पीछे पड़ गए है। वो अब जहा भी जाते है वसुंधरा राजे सरकार में भ्रष्टाचार का मुद्दा छेड़ देते है और फिर सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर ले लेते है।
इसी महीने में 11 अप्रैल को पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना और अनशन किया था जिसके बाद आलाकमान ने उन्हें दिल्ली बुलाया था, लेकिन पायलट पर उसका कोई असर नहीं है और वो अपनी बात पर अड़े हुए है। रविवार को भी उन्होंने जोर देकर कहा कि वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपनी ही सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
पायलट ने इस मुद्दे पर कहा कि वह राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनाए गए अपने रुख से पीछे नहीं हट रहे हैं। पायलट ने कहा, ‘सच बोलना, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना कांग्रेस पार्टी के मूल्यों में शामिल हैं। इन्हीं मूल्यों का अनुपालन करते हुए मैंने 11 अप्रैल को एक दिन का उपवास रखा। आज उस घटना के दो सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।