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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में भजन लाल शर्मा को कमान सौंप दी गई है, अब वो प्रदेश के मुख्यमंत्री हाेंगे। लेकिन विधायक दल की बैठक होने तक उन्हें खुद ये मालूम नहीं था की वो सीएम हांेंगे। लेकिन 15 मिनट में ही सब कुछ तय हो गया और उनके नाम की घोषणा हो गई। यूं तो विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा नेता चुने जाने का नियम रहा है, लेकिन बैठक में आलाकमान का फरमान सब पर भारी पड़ गया।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो बैठक शुरू होते ही प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने कहा कि बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और यहां संगठन की रीति-नीति के मुताबिक फैसले लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते हम सभी केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों को स्वीकार करते रहे हैं। यह हमारी परंपरा रही है, आज भी उसी परंपरा का पालन करना है।
इसके बाद राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से पर्ची खोलकर मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करने को कहा। चुनाव के बाद भजन लाल शर्मा की हाई कमान के किसी भी नेता से मुलाकात नहीं हुई थी। विधायक दल की बैठक से पहले उन्हें खुद भी नहीं पता था कि वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, क्योंकि पूरी प्रक्रिया गोपनीय रखी गई थी। उन्हें तब पता चला, जब वसुंधरा राजे ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और सभी ने इसका समर्थन किया। शर्मा को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। .
pc- gnttv.com