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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में चुनाव परिणाम आए पूरे एक महीना समय गुजर चुका है। इस एक महीने में प्रदेश को लंबे इंतजार के बाद सीएम मिला। सीएम मिला तो फिर मंत्रियों के लिए प्रदेश को लंबा समय तक इंतजार करना पड़ा और अब आखिरकार सीएम और मंत्री मिल गए तो इन्हें विभाग नहीं मिल रहे है।
ऐसे में जहां तक है विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से ही होगा। क्यों कि अब तक के सारे फैसले दिल्ली से ही होकर आए है। ऐसे में मंत्रियों के शपथ लेने के बाद भी विभागों के बंटवारे में देर क्यों हो रही है। विभाग बंटवारे में देरी की सबसे पहली वजह राजनीति के जानकारों के मुताबिक मानें तो दिल्ली के कारण हो रही है। क्यों कि प्रदेश के सारे फैसले दिल्ली में बैठकर हो रहे है।
साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल की मंत्रिपरिषद में 17 नए विधायकों को जगह मिली है, ऐसे में उन्हें मिनिस्टरी भी सोच समझकर ही दी जाएगी। यानी ये तय है कि जो पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा वो ही होगा। हालांकि सियासी गलियारों में ये चर्चा भी है कि राज्य के कुछ बड़े मंत्रालयों को लेकर पेच फंसा हुआ है, जिसको लेकर दिल्ली में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मंथन कर रहा है।
pc- ndtv raj
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