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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में कांग्रेस ने आखिरकार 40 दिनों के बाद ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष दिया, लेकिन उसमें भी आखिरी में गहलोत की ही चली। इससे ये तो साफ है की आने वाले समय में भी राजस्थान में गहलोत ही कांग्रेस की राजनीति के सेंटर में रहेंगे। ऐसा इसलिए की कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष बना दिया है। गहलोत गुट के अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।
वहीं पहले प्रतिपक्ष के नेता के लिए बड़े बड़े नेता लाइन में थे और खबरे ये भी थी की नेता प्रतिपक्ष को लेकर पार्टी तीन गुटों में बंटी हुई थी। सचिन पायलट ने मुरारी लाल मीणा के नाम की पैरवी की थी। जबकि गहलोत इसके खिलाफ थे। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने बीच का रास्ता निकाला है।
बता दें की टीकाराम जूली को पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह का वफादार माना जाता है। सचिन पायलट ने जब 2020 में बगावत की थी तो जितेंद्र सिंह ने खुलकर गहलोत का साथ दिया था। ऐसे में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नरेंद्र बुढ़ानिया, महेंद्र जीत सिंह मालवीय और सचिन पायलट के नाम अब केवल चर्चा में ही रह गए है और एक बार फिर से गहलोत बाजी मार गए है।
pc- abp news
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