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इंटरनेट डेस्क। वसुंधरा राजे इस बार के विधानसभा चुनावों में अपने कई खास लोगों को टिकट नहीं दिला पाई है और उनमें से ही एक है राजे के सबसे करीबी पूर्व मंत्री यूनुस खान। इस बार टिकट नहीं मिलने से खान बागी हो गए है और अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों से हटकर चुनावी जीत के फार्मूले को पर काम करने का आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो यूनुस खान ने कहा कि उनकी इस पार्टी के साथ कभी कोई रिश्तेदारी नहीं थी और वह केवल इसकी विचारधारा के चलते इसके साथ जुड़े हुए थे। बीजेपी के टिकट पर वह 2003 और 2013 में डीडवाना सीट से चुनाव जीत चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में, यूनुस खान को टोंक से कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट के खिलाफ मैदान में उतारा गया था लेकिन वह चुनाव हार गए।
वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे युनूस खान को बीजेपी से शिकायत है कि टिकट काटे जाने के समय उनसे कोई बातचीत नहीं की गई। राजस्थान में बीजेपी का एक प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे खान ने कहा, मुझे सिर्फ इतनी शिकायत है कि अगर मुझे बुलाकर बात करते तो मैं आज भारतीय जनता पार्टी के साथ काम कर रहा होता।
pc- abp news