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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव हो चुके है और अब जिन नेताओं कि किस्मम इवीएम में बंद हो चुकी है उन्हें 3 दिसंबर को इंतजार है। ऐसा इसलिए की उस दिन वोटों की गिनती होनी है और परिणाम आना है। लेकिन इस बार के चुनावों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है और इसका फायदा विपक्ष को मिल सकता है।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो मतदान प्रतिशत बढ़ने पर राजनीतिक के जानकारों का कहना है की वोटिंग बढ़ना कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खबरों की माने तो राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से हर चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन होता आया है। इन छह चुनावों में 4 बार मतदान प्रतिशत बढ़ा और 2 बार कम हुआ। लेकिन सत्ता परिवर्तन जरूर हुआ। ऐसे में 2023 में मतदान 75.25 प्रतिशत हुआ है, जो गत चुनाव 2018 के मुकाबले अधिक है।
2003 में गहलोत सरकार के समय हुए चुनाव में भाजपा ने 120 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। कांग्रेस 56 सीटों पर सिमट गई। 2008 में वसुंधरा राजे सरकार के समय हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत गिरा। इसके बावजूद प्रदेश में सत्ता बदली, बसपा के 6 विधायकों को साथ लेकर कांग्रेस ने सरकार बनाई। 2013 में गहलोत सरकार के समय हुए चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला। भाजपा को 163 सीटें मिली, कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई। भाजपा की सरकार बनी।
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