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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऐसे ही राजनीति का जादूगर नहीं कहा जाता है। वह जानते हैं कि किस रणनीति के तहत वो अपनी बात को रख सकते है और पार्टी आलाकमान तक बात को पहुंचा सकते है। जी हां आपने अब तक उनके मुंह से ये बात कई बार सुनी होगी की मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं पर कुर्सी नहीं मुझे नहीं छोड़ना चाहती है।
ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने इसी बात को दोहराया है लेकिन इस बार उनका तरीका अलग रहा। दिल्ली में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते, लेकिन यह कुर्सी उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है और न ही छोड़ेगी। ऐसे में उन्होंने बिना पार्टी के सहमति के ही खुद को सीएम पद के लिए घोषित कर दिया। जबकि पार्टी ने अभी तक उन्हें सीएम का दावेदार घोषित नहीं किया है।
दरअसल, अशोक गहलोत लगातार कहते आ रहे हैं कि वो सीएम नहीं रहना चाहते लेकिन इस बार उन्होंने यही बात कुछ ऐसे तरीके से कही कि कांग्रेस नेतृत्व भी देखता रह गया। बता दें की अशोक गहलोत के इस बयान से नजर आ रहा है कि वह पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यह बताना चाहते हैं कि अगर चुनाव जीतने पर वह सीएम नहीं बने, तो पार्टी को नुकसान भी हो सकता है।
PC- ABP NEWS