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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में चुनावी नतीजों को आए आज पूरे लगभग 27 दिन हो चुके है और उसके साथ ही सीएम और दो डिप्टी सीएम मिलकर सरकार चला रहे है। लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का ऐलान नहीं हो सका है। ऐसे में हर दिन मंत्रिमंडल का विस्तार टलता ही जा रहा है। जहां पहले ये माना जा रहा था कि 27 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा, राजभवन की ऐसी तस्वीरें भी आईं जिनमें मंत्रियों के शपथ समारोह की तैयारियां हो रही थीं।
लेकिन अब कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार में हुई देरी पर लगातार सवाल उठा रही है, विपक्ष ही क्या अब तो प्रदेश के हर चौराहे पर ही यह सुनने को मिल रहा है की आखिर कब तक मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। ऐसे में वसुंधरा राजे के गुट की भी धड़कने बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मौक़ा दिया है। पार्टी राजस्थान में भी यही फॉर्मूला अपनाना चाह रही है।
जानकारी के अनुसार जिस तरह से मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबियों को मंत्री पद नहीं मूल, ठीक उसी तरह से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों को भी साइडलाइन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी को लेकर मंत्रिमंडल विस्तार अटका हुआ है।
pc- indiatoday.in
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