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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगभग 11 दिन बाद सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा को लेकर कोई बयान दिया है। हालांकि उन्होंने इस मामले में पायलट का नाम नहीं लिया और बातों ही बातों में विपक्ष का सहारा लेकर पायलट पर तंज कस दिया। आपको बता दें की पायलट ने अपनी मांगों को लेकर गहलोत सरकार को अल्टीमेटम दिया था।
इन मांगों में पायलट की पेपरलीक से प्रभावित कैंडिडेट्स को मुआवजा देने की मांग भी थी। जब मीडिया ने गहलोत इस मांग को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा की यह ’बुद्धि का दिवालियापन’ है। उन्होंने नाम लिए बिना पायलट की बड़ी मांग पर हमला बोल कर सियासी हलकों में फिर नई चर्चाएं छेड़ दी हैं।
गहलोत ने कहा पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं? कानून हमने बनाया है। हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं। विपक्ष के पास कोई बात नहीं है तो वो पेपर आउट की बात करेंगे। और कहेंगे कि इन्हें मुआवजा दो, जो 26 लाख लोग बैठे हैं, इन्हें मुआवजा दो। इसको आप क्या कहेंगे? इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? दुनिया के इतिहास में किसी ने कभी ऐसी मांग की है क्या।
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