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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब मात्रा चार से पांच महीने का समय बचा है और उसके साथ ही कांग्रेस आलाकमान चाहता है की कैसे भी सीएम अशोक गहलोत और पायलट के बीच वाद विवाद खत्म हो जाए और दोनों एक मंच पर आ जाए। हालांकि यह तो तय है की पायलट भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर पद पाने की जुगत में थे। इसका कारण यह भी था की पायलट के पास फिलहाल विधायक के अलावा कोई पद नहीं है।
ऐसे में पायलट ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार और वसुंधरा राजे का नाम लेकर दबाव बनाने की कोशिश की थी और एक रैली भी निकाली थी और तीन मांग भी गहलोत के सामने रखी थी। ऐसे में गहलोत ने मांगों को मानने से मना कर दिया बावजूद उसके भी पायलट चुप बैठे है। इसका कारण यह है की पायलट को आलाकमान ने विश्वास दिलाया है की जल्द ही उनको कोई पद दिया जाएगा।
इसी बीच छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में विवाद खत्म करने के लिए फार्मूला तैयार कर लिया गया है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी कभी भी ताजपोशी का एलान कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो सचिन पायलट की दमदार वापसी के लिए तीन विकल्प तय किए गए हैं। जिनमें से एक को लेकर तीन जुलाई तक फैसला हो सकता है।
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