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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को पूर्वी राजस्थान नहर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए 14,200 करोड़ रुपये के फाइनेंशली प्रस्ताव को मंजूरी देदी है। नवनेरा-गलवा-बिसलपुर-इसरदा लिंक प्रोजेक्ट , नवनेरा बैराज और इसरदा बांध के निर्माण, रामगढ़ और महलपुर बैराज के निर्माण, नवनेरा बैराज में पम्पिंग और पावर स्टेशन की स्थापना, मेज एनीकट और गलवा बांध की स्वीकृति दी गई है और बाढ़ के पानी का भंडारण और अन्य विभिन्न कार्य।
बीसलपुर बांध की ऊंचाई 0.5 मीटर बढ़ाना और 202.42 किमी लंबी जल परिवहन प्रणाली विकसित करना भी प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके अलावा, प्रस्ताव में ईआरसीपी के तहत 2040 तक जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों की अतिरिक्त पेयजल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जल प्रबंधन प्रणाली को बढ़ाना शामिल है। यह जयपुर जिले के शेष ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 16.82 टीएमसी पेयजल की अतिरिक्त मांग को भी पूरा करेगा।
पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल की समस्या के समाधान के लिए ईआरसीपी की शुरुआत की गई है। राजस्थान की बारहमासी नदियों में उपलब्ध अतिरिक्त पानी जो यमुना नदी के माध्यम से समुद्र में बहता है, बांधों के माध्यम से रोका जाएगा और राज्य में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाएगा। गहलोत ने बजट 2023-24 में इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न कार्यों के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। यह स्वीकृति इस बजट घोषणा के अनुपालन में दी गई है।