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कोटा। पश्चिम-मध्य रेलवे में पहली बार कोटा मंडल के पिगौरा-कैलादेवी खंड में 160 किमी प्रति घंटे की गति से रेलगाड़ी चलाने के लिए कवच का कार्य सिगनल एवं दूरसंचार जीएसयू यूनिट ने सफलतापूर्वक किया। कवच का कार्य कोटा मंडल के अन्य खंड़ों में तीव्र गति से प्रगति पर है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि तकनीकी रूप से कवच का कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है इस कार्य को दिन-रात चौबीस घंटे लगातार मेहनत करके पूर्ण किया गया। पिगौरा-कलादेवी खंड में 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाने के लिए लगभग 8500 किलो वजन के 40 मीटर ऊँचाई के 4 टॉवरों का निर्माण किया गया जो कि इस रेलवे में पहली बार किया जा रहा है।
20 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई, पूरे खण्ड में रेडियो फिक्वेंसी टेग लगाये गये तथा कवच के उपकरण लगाने की जरूरत पड़ी। श्री मालवीय ने बताया कि कवच (भारतीय रेलवे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली) पूरी तरह से भारत में विकसित की गई अत्याधुनिक रेल सुरक्षा प्रणली है यह अभी केवल चुनिदा विकसित राष्ट्रो में ही उपलब्ध है। कवच वर्तमान रेल संचालन प्रणाली के उपर एक महत्त्वपूर्ण विश्वसनीय सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है।
इसे लागू होने के बाद ट्रेन चालको के द्बारा मानवीय भूल से सिगनल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी। इस तकनीकी से ड्राइवर को इंजन के अंदर ही चार से पांच किमी तक के सिगनल की स्थिति दिख जाती है जो कि कोहरे के समय बहुत ही उपयोगी है और गाड़यिों का समय पालन भी प्रभावित नहीं होगा जिसे अब मुंबई-दिल्ली रूट पर कोटा मंडल में नागदा -मथुरा खण्ड के मध्य लगाया जा रहा है।
इस कार्य को कोटा जीएसयू यूनिट के सचिन शुक्ला, मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर एवं राहुल जारेड़ा उप मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है।