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इंटरनेट डेस्क। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पारित हुए तीन संशोधित आपराधिक कानून विधेयकों को सोमवार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। इन तीनों बिलों की मंजूरी के बाद अब कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें की इससे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल अब कानून बन जाएंगे।
लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद ये बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आते है और उसके बाद ये कानून का रूप ले लेते है। इन विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने 20 दिसंबर को और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया गया था। राज्यसभा में विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए जाने के बाद ध्वनि मत से पारित किया गया था।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने समापन टिप्पणी में कहा था, इतिहास रचने वाले ये तीन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए हैं। उन्होंने हमारे आपराधिक न्यायशास्त्र की औपनिवेशिक विरासत की बेड़ियों को खोल दिया है जो देश के नागरिकों के लिए हानिकारक थी और विदेशी शासकों का पक्ष लेती थी।
pc- newsonair.gov.in
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