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pc: timesofindia
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया और इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले की गई घोषणा को भारतीय लोकतंत्र पर एक "काला धब्बा" बताया।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे कलंक की 50वीं वर्षगांठ है।
भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया था।”
उन्होंने कहा, "अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके जो 50 साल पहले किया गया था। हम जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जो अन्य विपक्षी नेताओं के साथ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि इमरजेंसी की याद दिला रहे हैं लेकिन वे पिछले 10 वर्षों के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने समाप्त कर दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप हमें 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने समाप्त किया है।’’
उन्होंने कहा, "लोगों ने मोदी जी के खिलाफ जनादेश दिया है। इसके बावजूद अगर वह प्रधानमंत्री बन गए हैं तो उन्हें काम करना चाहिए।"
खड़गे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे कहा, "विपक्ष और भारत जनबंधन संसद में आम सहमति चाहते हैं, हम सदन में, सड़कों पर और सभी के सामने लोगों की आवाज उठाते रहेंगे।"
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