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pc: abplive
संसद का विशेष सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, 18वीं लोकसभा के 543 नवनिर्वाचित सांसद 24 और 25 जून को शपथ ले सकते हैं। साथ ही, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होने की संभावना है।
केंद्र सरकार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए किसी सांसद के नाम का प्रस्ताव रखेगी। अगर विपक्ष सरकार के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लेता है, तो चुनाव की कोई जरूरत नहीं होगी। हालांकि, अगर यह आम सहमति नहीं बनती है, तो विपक्ष किसी उम्मीदवार को नामित भी कर सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित कर सकती हैं। अपने भाषण के जरिए मुर्मू मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एजेंडा पेश कर सकती हैं।
प्रस्तावित विशेष सत्र का महत्व इसलिए है क्योंकि यह नए कार्यकाल के लिए संसदीय गतिविधियों की शुरुआत का प्रतीक है। शपथ ग्रहण समारोह और अध्यक्ष का चुनाव नई लोकसभा के गठन में महत्वपूर्ण प्रक्रियात्मक कदम हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति मुर्मू का अभिभाषण आगामी कार्यकाल के लिए सरकार की प्राथमिकताओं और विधायी एजेंडे की दिशा तय करता है। विशेष सत्र नवनिर्वाचित सांसदों के लिए औपचारिक रूप से अपने कर्तव्यों को शुरू करने और सरकार के लिए अपने दृष्टिकोण और उद्देश्यों को रेखांकित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
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