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भुवनेश्वर : छत्तीसगढ़ के साथ महानदी के जल बंटवारे पर जारी विवाद को लेकर हंगामे के बाद ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्षी क ांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सदन में इस मामले पर विशेष प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे। राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के नेताओं ने कई मौकों पर आरोप लगाया है कि पड़ोसी राज्य में भाजपा की सरकार रहने के दौरान नदी की ऊपरी धारा पर 'चेक डैम’ बनाने की वजह से ओडिशा को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
आरोप है कि बारिश के दिनों में पड़ोसी राज्य अतिरिक्त पानी छोड़ देता है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है और गर्मियों में पानी का प्रवाह रोक देता है जिससे लोगों को समस्या होती है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्न काल में यह मुद्दा उठाया गया। क ांग्रेस विधायक शुरू में आसन के सामने आ गए जबकि भाजपा के विधायक प्रश्न काल को स्थगित कर विशेष प्रस्ताव के तहत महानदी जल विवाद पर चर्चा की मांग करते रहे। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष बी के अरुखा ने सदस्यों से बार-बार अपनी-अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विशेष प्रस्ताव के तहत तब तक चर्चा नहीं हो सकती जबतक सदन विनियोग विधेयक को पारित नहीं कर देता। उन्होंने कहा,''आप सभी वरिष्ठ सदस्य हैं और विचार करें कि सदन में कोई भी चर्चा तबतक विशेष प्रस्ताव के जरिये नहीं हो सकती जबतक विनियोग विधेयक पारित करने के लिए लंबित हो। विनियोग विधेयक के पारित होने पर इस पर विचार किया जा सकता है।’’ विधानसभा अध्यक्ष की अपील का असर नहीं होने पर सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में दिन में कोई काम काज नहीं हुआ और भोजनावकाश से पहले केवल छह मिनट कार्यवाही चली।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्रा ने बाद में सदन से बाहर संवाददाताओं से कहा, '' सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने बुधवार को महानदी जल विवाद का मुद्दा उठाया था। हमने विशेष प्रस्ताव के जरिये विषय पर चर्चा की मांग की। इसलिए हमारे सदस्यों ने यह मांग की लेकिन सरकार विशेष चर्चा को तैयार नहीं हुई।’’