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इंटरनेट डेस्क। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने आज सबसे चर्चित बिल वन नेशन वन इलेक्शन संसद में पेश कर दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र के 18वें दिन विधि एंव राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक राष्ट्र एक चुनाव का 129वां संशोधन बिल पेश किया है।
संविधान पर बहस पर पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप संसद में देखने को मिले हैं। कांग्रेस सहित कई दलों ने एक राष्ट्र एक चुनाव बिल का विरोध किया है। बिल का कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत कई दलों ने विरोध किया है। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने वन नेशन वन इलेक्शन को संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने बिल को लेकर बोल दिया कि आखिर इस बिल को लाने की जरूरत ही क्या है। यह तो एक तरह से तानाशाही को थोपने की कोशिश है। वहीं जेडीयू के नेता संजय कुमार झा ने बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल जरूरी है। हम तो हमेशा कहते रहे हैं कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। कांग्रेस ने इस बिल को संघीय ढांचे के ही खिलाफ बताया है। कांग्रेस ने कहा कि बिल संविधान की आत्मा पर चोट है।
PC: hindi.news24online
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