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इंटरनेट डेस्क। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथ ही पांच दिन के रिमांड पर भेजा गया है। ऐसे में आज हम मनीष सिसोदिया की पूरी कहानी को समझने का प्रयास करेंगे। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पैदा हुए, पिता शिक्षक थे, पढ़ाई के लिए सिसोदिया दिल्ली आ गए।
पत्रकारिता की
मनीष सिसोदिया ने पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। जिसके बाद वो पत्रकार बन गए। प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में उन्होंने काम किया। इसके साथ ही एफएम रेडिया में भी काम किया। 1996 से 2005 तक वह न्यूज चैनल में रिपोर्टर थे। 2006 में पत्रकारिता छोड़ दी।
1998 में मिले थे सिसोदिया -केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मुलाकात 1998 में हुई थी। तब अरविंद केजरीवाल आईआरएस ऑफिसर थे और इसी दौरान उनकी स्टोरी कवर करने के चक्कर में दोनों आपस में मिले और मुलाकात बाद में दोस्ती में बदल गई।
अन्ना आंदोलन
इसके बाद 2011 में जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे के आंदोलन में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने इसकी जिम्मेदारी संभाल ली। इसके बाद इन्होंने हजारे से अलग होकर एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया। सिसोदिया भी इसमें शामिल हो गए।
2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव
2013 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2015 में भी सिसोदिया को पटपड़गंज से जीत मिली। इस जीत के बाद केजरीवाल सीएम और सिसोदिया डिप्टी सीएम बने थे।