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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई अहम बदलाव लागू किए हैं। ये नियम छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप हैं, जो कौशल आधारित शिक्षा और समझ पर आधारित मूल्यांकन को प्राथमिकता देते हैं।
1. न्यूनतम उपस्थिति का नियम
2025 से बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी।
- छूट: चिकित्सा कारण, खेल प्रतियोगिता जैसी परिस्थितियों में 25% तक की छूट संभव।
- उद्देश्य: अनुशासन, नियमितता, और शैक्षणिक जुड़ाव को बढ़ावा देना।
2. कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
- 10वीं में 50% और 12वीं में 40% कौशल आधारित प्रश्न होंगे।
- इनमें MCQs, केस स्टडी और समस्या-समाधान पर आधारित प्रश्न शामिल होंगे।
- उद्देश्य: रटने की बजाय समझ और व्यावहारिक ज्ञान का परीक्षण।
3. आंतरिक मूल्यांकन का महत्व बढ़ा
- कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, आदि) से आएगा।
- उद्देश्य: पूरे वर्ष की पढ़ाई और निरंतर मूल्यांकन पर जोर।
4. पाठ्यक्रम में बदलाव और ओपन बुक परीक्षा
- 15% पाठ्यक्रम में कटौती।
- कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा की शुरुआत।
5. डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली
- कुछ विषयों में डिजिटल मूल्यांकन लागू होगा, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया निष्पक्ष और प्रभावी होगी।
CBSE के ये नए नियम छात्रों को समझ और कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेंगे।