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इंटरनेट डेस्क। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को उस समय करारा झटका लगा जब कैश फॉर क्वेरी मामले में उनको सदन की सदस्यता से निष्काषित कर दिया गया। संसद की एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद ये बड़ा कदम उठाया गया है।
खबरों के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से मंजूर किया गया। वहीं इस मामले में विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने महुआ की सांसदी जाने की तुलना लोकतंत्र की हत्या से कर दी है। महुआ ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मामले में खुद को बेकसूर बताया है।
खबरों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर अपने पार्लियमेंट लॉगिन आईडी पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर करने का आरोप लगा था। उनकी आईडी से 61 बार सवाल हीरानंदानी द्वारा पूछने का आरोप लगा था। इसके बदले में महुआ को कैश, गिफ्ट्स और कई तरह की मदद मिली थी।
PC: jagran