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pc: businesstoday
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने 2024-25 के बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के नागरिक “सोमालिया जैसी सेवाएँ पाने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स चुकाते हैं”।
केंद्रीय बजट की तीखी आलोचना करते हुए आप सांसद ने यह भी कहा कि पुरानी संपत्ति की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ हटाने के सरकार के कदम से काले धन के प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।
25 जुलाई को संसद में अपने संबोधन में चड्ढा ने सरकार से कर ढांचे की व्यापक समीक्षा करने को कहा और इसके लिए आठ सुझाव दिए।
उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में सरकार ने कर लगाकर देश के आम लोगों का खून चूसा है।" "और बदले में सरकार हमें क्या देती है...? इसीलिए आज मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि हम भारत में आज सोमालिया जैसी सेवाएं प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स देते हैं।"
आप सांसद ने यह भी दावा किया कि बजट से समाज के सभी वर्ग नाखुश हैं, जिनमें भाजपा समर्थक भी शामिल हैं।
सरकार की आर्थिक नीतियों को लोकसभा में उसकी सीटों की संख्या में उल्लेखनीय कमी के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा की सीटें 2019 में 303 से घटकर 2024 में 240 रह गई हैं, क्योंकि लोगों ने सीटों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है।"
चड्ढा ने कहा, "इसके लिए कई कारण बताए जा रहे हैं... मैं आपको तीन कारण बताता हूं, जिनकी वजह से भाजपा की यह दुर्दशा हुई है: अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था।"
सांसद ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में ग्रामीण आय में दशक भर में सबसे कम वृद्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इसके पीछे “बढ़ती ग्रामीण महंगाई, ग्रामीण बेरोजगारी, कम फसल उपज, आय असमानता, किसान कर्ज, उच्च इनपुट लागत, कम आय, एमएसपी नहीं होना और फसल नुकसान को कारण बताया।
चड्ढा ने कहा, “इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, स्वामीनाथन आयोग के अनुसार एमएसपी देने का वादा किया गया था। चूंकि ये वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए पिछले 25 महीनों से ग्रामीण मजदूरी में लगातार गिरावट आ रही है।”
राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा के दौरान सांसद ने केंद्र सरकार से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि लोग कभी भी अपने "सपनों का घर" नहीं खरीद पाएंगे। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रस्ताव से रियल एस्टेट में अत्यधिक भ्रष्टाचार बढ़ेगा और इस क्षेत्र में निवेश कम हो जाएगा।
उन्होंने कहा- "दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन बहाल करें। पूरी दुनिया में निवेशकों को निवेश के लिए लुभाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। इस देश में इंडेक्सेशन हटाकर हम निवेशक वर्ग को हतोत्साहित कर रहे हैं," कि इंडेक्सेशन हटाना कर लगाना नहीं है बल्कि यह "निवेशकों को दंडित करने" के बराबर है।
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