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हरिद्बार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने गुरुवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आईआईटी रुड़की राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान दे रहा है जोकी अपने आप में कीर्तिमान है।
राज्यपाल सिह ने कहा कि उन्हें आईआईटी रुड़की के इस कार्यक्रम में भाग लेकर काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर तकनीकी क्षेत्र में क्या सपने हैं और क्या संकल्प है इस बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान दे रहा है जो कि अपने आप में कीर्तिमान है।इस आयोजन का उद्देश्य गतिशील रणनीतिक ष्टि तथा इसके क्रियान्वयन के लिए अवसरों एवम संभावनाओं पर विचार विमर्श करना था।
इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण कनेक्टिविटी उभरती प्रौद्योगिकियों जैविक खेती स्थानीय उत्पादों पर्यटन, कल्याण ,स्वयं सहायता समूह आयुर्वेद और कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शैक्षणिक, राज्य उद्योग विशेषज्ञों ने गतिशील सामरिक ष्टि और निष्पादन के अवसरों एवं संभावनाओं पर भी चर्चा की।इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल एवं कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत लेफ्टिनेंट जनरल सिह एवं गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत और बधिरों के लिए बने अकादमी के दौरे के साथ हुई आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने राज्यपाल की अगुवाई की और स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि आईआईटी से निकले छात्रों से मिलकर उन्हें बेहद खुशी होती है यहां से निकले छात्र विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शोध और विकास के क्षेत्र में आईआईटी रुड़की प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहा है साथ ही यहां के छात्रों के शारीरिक व मानसिक विकास का भी ध्यान रखा जाता है।उन्होंने कहा कि यहां के छात्र विभिन्न विषयों में शोध वह तकनीकी क्षेत्र में काम करके उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं और देश की मदद कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह समय भारत में बड़े बदलाव का है साथ ही आधुनिकीकरण विकास और प्रगति का समय है इसमें तकनीकी ज्ञान खास भूमिका है आईआईटी रुड़की उच्च स्तर का संस्थान है यहां पर उच्च मानदंडों का ख्याल रखा जाता है।
आईआईटी रुड़की साइबर क्षेत्र में सिविल इंजीनियर क्षेत्र में काफी बड़ा मुकाम हासिल किया है साथ ही बुनियादी सुविधाओं के विकास में भी खासा योगदान किया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है और तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा।राज्यपाल ने कहा कि आईआईटी रुड़की जैसे संस्थानों की कार्यप्रणाली और तकनीकी ज्ञान से भारत को विश्व गुरु और विकसित राष्ट्र तथा आत्मनिर्भर भारत बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।उन्होंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर उन्होंने यहां पांच प्रमुख मिशन लागू करने का संकल्प लिया है जिसमें रिवर्स पलायन, महिलाओं एवं बालिकाओं के विकास एवं हितों की रक्षा करना तथा इसके अलावा यहां की पारंपरिक खेती एवं जैविक कृषि को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करना उनके पांच प्रमुख लक्ष्यों में शामिल है।
Pc:Devbhoomi Media