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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के अभिभाषण के दौरान सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी कांग्रेस के बीच उस वक्त तीखी नोकझोंक हुई जब नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिह बाजवा ने राज्यपाल से अपने अभिभाषण में ''मेरी सरकार’’ शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें (राज्यपाल को) पहचानती नहीं है।
बजट सत्र के पहले दिन जब राज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू किया तो कांग्रेस नेता बाजवा ने पुरोहित को टोकते हुए कहा कि उन्हें अपने संबोधन में 'मेरी सरकार’ वाक्यांश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बाजवा ने आप सरकार और राजभवन के बीच हाल के दिनों में हुए विवाद का संदर्भ देते हुए पुरोहित से कहा, ''यह सरकार आपको पहचानती नहीं है।’’ इस पर राज्यपाल ने बाजवा से कहा कि कोई 'विवाद’ नहीं होना चाहिए। पुरोहित ने बाजवा से पूछा, ''क्या आप कहते हैं कि मुझे 'मेरी सरकार’ नहीं बोलना चाहिए। यह रिवाज है। ठीक है, मैं केवल 'सरकार’ शब्द का उपयोग करूंगा, 'मेरी सरकार’ नहीं बोलूंगा।’’
उन्होंने कहा कि अब (इस पर) कोई विवाद नहीं होना चाहिए। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बाजवा की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, जिसके परिणामस्वरूप आप और कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पुरोहित के अपने संबोधन में 'मेरी सरकार’ का इस्तेमाल न करने के फैसले पर आपत्ति जताई।
पुरोहित ने उनसे कहा, ''मैं पहली बार राज्यपाल नहीं हूं। मैं असम का राज्यपाल था, मैं मेघालय का राज्यपाल था और मैं तमिलनाडु का भी राज्यपाल था।’’ लेकिन मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वह अपने संबोधन में 'मेरी सरकार’ का इस्तेमाल अवश्य करें, इसके बाद राज्यपाल ने इस वाक्यांश का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बाद में कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।