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pc: abplive
उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलेराई गांव में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। इस दुखद घटना में महिलाओं और बच्चों समेत 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। डीजीपी और गृह सचिव घटनास्थल पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने इस दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है।
जांच से मुख्य निष्कर्ष
जांच में भक्तों के बीच एक अजीबोगरीब प्रथा का पता चला। पता चला कि भक्तों का मानना है कि बाबा के पैरों से छुई मिट्टी पवित्र हो जाती है, जो उनके दुखों को दूर करने में सक्षम है। महिलाएं अक्सर इस मिट्टी को अपने कपड़ों में इकट्ठा करती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें चमत्कारी गुण हैं। भक्त बाबा के मार्ग में बनाई गई रंगोली की धूल भी इकट्ठा करते हैं, क्योंकि वे इसे भी उतना ही पवित्र मानते हैं। इस गहरी परंपरा के कारण बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, जिससे आखिरकार भगदड़ मच गई।
पीड़ितों में ज़्यादातर महिलाएँ थीं
पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 116 पीड़ितों में से 7 बच्चे और 1 पुरुष थे, जबकि बाकी पीड़ित महिलाएँ थीं। घटना का एक वीडियो महिलाओं को रोते और विलाप करते हुए दिखाता है। कई महिलाएँ सत्संग में भाग लेने के लिए दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से आई थीं।
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