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इंटरनेट डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 के लिए चुना है। इसके बाद से ही इस पर राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि गीता प्रेस ने पुरस्कार को स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसमें मिलने वाली धन राशि को लेने से मना कर दिया है।
इस मामले में खुद गीता प्रेस की और से कहा गया है की पुरस्कार स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन धनराशि को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसका कारण यह है की गीता प्रेस किसी तरह का दान नहीं लेता है। किसी प्रकार का दान स्वीकार नहीं करता है। वहीं पुरस्कार को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है।
इस मामले में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र का यह फैसला सावरकर और नाथूराम गोडसे को सम्मान देने जैसा है। क्योंकि गीता प्रेस और गांधी के बीच राजनीतिक और धार्मिक एजेंडे को लेकर कई वैचारिक मतभेद थे। वहीं इसको लेकर भाजपा ने भी जयराम रमेश पर निशाना साधा है।