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कोलकाता। प्रख्यात बंगला साहित्यकार समरेश मजूमदार का सोमवार को निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।
श्री मजूमदार की राजनीतिक कृतियां'उत्तराधिकार','कालबेला’और'कालपुरुष’काफी लोकप्रिय रही।बंगाल में तत्कालीन नक्सली आंदोलन की ज्वलंत लेखनी 'कालबेला’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी अन्य उल्लेखनीय कृतियों में 'गर्भधारिणी’, 'सिहबाहिनी’ और 'कोलीकाताय नवकुमार’ प्रमुख हैं। वर्ष 2018 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें'बंगविभूषण’से भी सम्मानित किया था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने श्री मजूमदार के निधन को साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, '' प्रसिद्ध बंगाली लेखक समरेश मजूमदार के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। उनके परिजनों और शुभचितकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
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