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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग द्वारा एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश से उनके आरोप के संबंध में प्रमाण मांगने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही है। उन्होंने इस संबंघ में ट्वीट किया कि चुनाव आयोग का जयराम रमेश से उनके आरोप के संबंध में प्रमाण मांगना समझ से परे है। किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जो फीडबैक मिलता है उसके आधार पर आरोप लगाए जाते हैं।
जयराम रमेश ने अपने फीडबैक के आधार पर लगाया है सीधे गृह मंत्री पर आरोप
इस प्रकरण में एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने अपने फीडबैक के आधार पर सीधे गृह मंत्री पर आरोप लगाया है। यदि ये आरोप झूठा है तो गृह मंत्री को स्वयं इसका खण्डन करना चाहिए था, इसकी बजाय चुनाव आयोग द्वारा जयराम रमेश से प्रमाण मांगना एक नई परिपाटी की शुरूआत है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
गृह मंत्री इस मसले पर हैं चुप
गृह मंत्री इस मसले पर चुप हैं इसका मतलब उनकी मौन स्वीकृति है। चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण मांगने के मायने यह है कि अगर किसी जिला चुनाव अधिकारी द्वारा फीड बैक मिला है तो जयराम रमेश उसका नाम क्यों बताएंगे, क्योंकि यह अधिकारी के भविष्य का सवाल है। चुनाव के दौरान इतने आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं, अब तक चुनाव आयोग ने कितनों को नोटिस दिया है। गौतलब है कि आज देश में लोकसभा चुनाव की मतगणना हो रही है। आज पता चल जाएगा कि केन्द्र में किसी दल की सरकार बनेगी।
PC: rajasthan.ndtv
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