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श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार को ईद-उल-फितर का त्योहार पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया और डल झील के किनारे हजरतबल मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग जुटे।
बहरहाल, प्राधिकारियों ने पुराने शहर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी। एक दिन पहले उन्होंने जुमे की नमाज की अनुमति दी थी। शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित 14वीं सदी की मजिस्द में प्राधिकारियों द्बारा शब-ए-कद्र और जुमातुल विदा की नमाज पढ़ने की अनुमति दिये जाने के बाद ईद की नमाज अदा करने की मंजूरी देने की उम्मीद थी।
बहरहाल, अधिकारियों ने जामिया मस्जिद प्रबंधन से सुबह नौ बजे के बजाय सुबह साढ़े सात बजे ईद की नमाज पढ़ने का निर्देश दिया। अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने कहा कि नमाज सुबह साढ़े सात बजे नहीं हो सकी क्योंकि लोगों को पहले घोषित समय के अनुसार दूरदराज के इलाकों से आना था। शहर में मस्जिदों, ईदगाह और अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ने के साथ ही ईद का जश्न शांतिपूर्वक मनाया गया। हजरतबल मस्जिद में सबसे अधिक संख्या में लोग जुटे। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत कई जाने-माने लोगों ने मस्जिद में नमाज अदा की।