DIESEL CAR BAN: सुबह-सुबह भारत सरकार का बड़ा ऐलान....

Trainee | Tuesday, 19 Nov 2024 11:58:40 AM
DIESEL CAR BAN: Big announcement by the Indian government early in the morning...

भारत में वायु प्रदूषण अब एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसका प्रभाव केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के अन्य हिस्से भी इससे प्रभावित हैं। बढ़ते प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से डीजल वाहनों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इन वाहनों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 600 के पार पहुंच चुका है, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार और न्यायपालिका ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कठोर कदम उठाए हैं।

प्रदूषण में डीजल वाहनों की भूमिका

डीजल वाहन, खासकर ट्रक, बस और बड़े यात्री वाहन, पीएम 2.5 और NOx जैसे हानिकारक प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण अन्य वाहनों और औद्योगिक स्रोतों से कहीं अधिक खतरनाक होता है। इसके कारण सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के कारण स्कूलों को बंद करने और अस्थमा के मरीजों को घर में रहने की सलाह दी है।

2027 से डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की योजना

सरकार ने 2027 से डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने की सिफारिश की है। यह कदम देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया गया है। इस नीति के तहत सभी प्रकार के डीजल वाहनों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी, और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) तथा रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी योजनाओं की घोषणा करेगी।

सरकार की रणनीति

सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाएगा। सबसे पहले, प्रदूषण से अधिक प्रभावित बड़े शहरों में इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके बाद इस नीति को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पहले से लागू 10 साल पुराने डीजल वाहनों के प्रतिबंध को भी सख्ती से लागू किया जाएगा।

कौन से शहर होंगे पहले प्रभावित?

शुरुआत में, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा। इसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख मेट्रो शहर शामिल होंगे, जहां प्रदूषण का स्तर पहले से ही काफी अधिक है। यह कदम वायु गुणवत्ता को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगा। धीरे-धीरे, यह प्रतिबंध छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी लागू किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता महत्व

डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का सबसे बड़ा लाभ इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को मिलेगा। सरकार EVs की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर काम कर रही है। EVs न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, बल्कि इन्हें चलाने की लागत भी डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में कम होती है।

रिन्यूएबल एनर्जी का योगदान

इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी, जैसे सौर और पवन ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल से न केवल पर्यावरण को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिलेगी।

क्या डीजल वाहन खरीदना अब सही है?

अगर आप डीजल वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो विशेषज्ञों का सुझाव है कि आपको अभी इस फैसले को टाल देना चाहिए। सरकार की सख्त नीतियां और प्रतिबंध आने वाले समय में डीजल वाहनों की मांग और उनके पुनर्विक्रय मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसके बजाय, EVs, पेट्रोल और CNG विकल्पों पर विचार करना एक बेहतर निर्णय हो सकता है।



 


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