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दीपक बाबरिया ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राज्य के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया है। दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी से बातचीत की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हरियाणा का प्रभार किसी और को सौंपा जाए, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
स्वास्थ्य की समस्या का जिक्र
दैनिक भास्कर को दिए गए एक इंटरव्यू में दीपक बाबरिया ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, और अब उन्हें कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याएं फिर से शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उनके मस्तिष्क का शरीर के अन्य हिस्सों से संबंध नहीं बन पा रहा था, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। हालाँकि, अब उनकी तबीयत ठीक है, लेकिन कभी-कभी यह खराब हो जाती है।
टिकट वितरण के दौरान भी थे बीमार
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दीपक बाबरिया हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों के वितरण के समय भी बीमार थे। उन्हें रक्तचाप बढ़ने के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती होना पड़ा था।
आरोपों का सामना
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ खड़े नेताओं ने अक्सर दीपक बाबरिया पर आरोप लगाया है कि वे जिम्मेदारियों का सही निर्वहन करने के बजाय केवल पक्षपाती हैं। कई नेताओं ने आरोप लगाया कि दीपक बाबरिया ने कुमारी शेलजा और रणदीप सुरजेवाला के नेताओं की बात नहीं सुनी, और केवल भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके नेताओं को ही महत्व दिया।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम कांग्रेस के लिए उम्मीद के अनुसार नहीं आए। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 60 से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी को केवल 37 सीटें मिलीं। वहीं, बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर हरियाणा में फिर से सरकार बनाई। इसके अलावा, अभय चौटाला की INLD ने 2 सीटें जीतीं और 3 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की।
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