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इंटरनेट डेस्क। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से शुरू की गई जनधन योजना को दस साल पूरे हो गए है। योजना को दस साल पूरे होने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इस योजना को लेकर तीन सवाल पूछकर मोदी सरकार पर तंज कसा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया के माध्यम से मोदी सरकार से तीन सवाल किए हैं।
मोदी सरकार ने बैंकों को बनाया जन-धन की लूट का साधन !
हमारे तीन सवाल -
1-क्या ये सच नहीं कि 10 करोड़ से ज़्यादा जन-धन बैंक खाते बंद हो चुके हैं, जिनमें क़रीब 50% बैंक खाते महिलाओं के हैं? इनमें दिसंबर 2023 तक ₹12,779 करोड़ जमा थे ! कुल जन-धन खातों में से 20% खाते बंद होने का ज़िम्मेदार कौन है?
2-क्या ये सही नहीं है कि पिछले 9 वर्षों में जनधन खातों में औसत बैलेंस 5000 रुपये से कम यानी सिर्फ 4,352 रुपये है? इतने से पैसों में, भाजपाई कमरतोड़ महंगाई के बीच, एक गरीब व्यक्ति कैसे अपना जीवन यापन कर सकता है?
3-ये सच नहीं है कि आम खातों और जन-धन खातों को जोड़कर, मोदी सरकार ने 2018 से 2024 तक कम से कम ₹43,500 करोड़ केवल Minimum Balance न होने पर, अतिरिक्त ATM Transactions, SMS Charges पर वसूली करने से लूटे हैं? (संसद में दिए उत्तरों के अनुसार)
मोदी ने किया था आधार का भी विरोध
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि 2013 में ही कांग्रेस-यूपीए ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना और इसे 291 जिलों में एलपीजी सब्सिडी देने के लिए आधारसे जोड़ा। उस वक्त विपक्ष में रही भाजपा शासित राज्यों ने इस ‘पहल’ योजना का विरोध किया। मोदी जी ने आधार का भी विरोध किया था। आज उन्हीं योजनाओं का इस्तेमाल कर के मोदी विज्ञापनबाजी में लीन हैं।
PC: newstrack
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