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जालंधर : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की। मान ने कहा कि देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर केंद्र सरकार राज्यों के कानूनी अधिकारों पर हमला कर रही है और राज्यों के हितों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्बारा नियुक्त राज्यपाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों की आवाज को दबाने के लिए मशीन की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्बारा राज्यों के हितों पर हमला किया जा रहा है, जो लोकतंत्र और संघीय ढांचे के लिए हानिकारक है। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया लोकतंत्र के ताने-बाने के लिए घातक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर राज्यों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) का 3० हजार करोड़ रुपये अभी भी बकाया है।
मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है लेकिन केंद्र सरकार ने आरडीएफ में अनावश्यक अड़ंगा लगाया है और जीएसटी का फंड रोक रहा है। उन्होंने कहा कि एक अन्य फैसले में पंजाब को आवंटित कोयला खदान से कोयला श्रीलंका के रास्ते लाने को कहा गया था जो किसी भी तरह से जायज नहीं था। मान ने कहा कि इस तरह के फैसलों का केंद्र और राज्यों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिह के मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सछ्वाव बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। मान ने हर कीमत पर पंजाब में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस बात के समर्थक हैं कि विचारों और विचारों की भिन्नता वाला लोकतंत्र हमेशा सफल होता है। मान ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों महत्वपूर्ण दल होते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज का हर कीमत पर सम्मान होना चाहिए।