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इंटरनेट डेस्क। भाजपा की सरकार सदन में बजट सत्र के दौरान पूर्व यपीए सरकार के खिलाफ श्वेतपत्र लेकर आई और इसके माध्यम से जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा और साथ ही साथ सोनिया गांधी को सुपर पीएम भी बता दिया। इसके जवाब में श्वेतपत्र पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने केंद्र सरकार के इरादों पर सवाल उठाया।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले आए श्वेतपत्र की टाइमिंग से साफ है कि यह एक ‘राजनीतिक घोषणापत्र’ है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा की यूपीए ने सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार और मनरेगा जैसे अधिनियम बनाए। जिनसे देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को मजबूती मिली।
जानकारी के अनुसार तिवारी ने आगे कहा अगर सरकार की मंशा साफ है तो उसे 2014 में श्वेतपत्र लाना चाहिए था। इसके साथ ही कांग्रेस के ही अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि श्वेतपत्र मनगढ़ंत बातों और झूठ का पहाड़ है। इसे पेश करने का उद्देश्य सिर्फ चुनावी फायदा कमाना है।
pc- english.newstracklive.com
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