बड़ी डील: 32 हजार करोड़ की डील पक्की... तीनों सेनाओं को मिलने वाले है कोनसे खतरनाक ड्रोन जाने

Trainee | Wednesday, 16 Oct 2024 12:00:42 PM
Big deal: Deal worth Rs 32 thousand crores confirmed... Know which dangerous drones the three armies are going to get

भारत-अमेरिका MQ-9B ड्रोन कॉन्ट्रैक्ट: भारत अमेरिका से 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा। दोनों देशों के बीच इस डील पर सहमति बन चुकी है और मंगलवार को नई दिल्ली में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस डील के फाइनल होने के बाद भारत को जल्द ही अमेरिकी लड़ाकू ड्रोन 'MQ-9B' मिल जाएगा। यह ड्रोन जमीन से केवल 250 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है, और इस दौरान लक्ष्य को इसके आने की भनक भी नहीं लगती। इसके अलावा, लंबी दूरी के मामले में यह ड्रोन 50,000 फीट से अधिक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम गति 442 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जाती है। उच्च ऊंचाई पर उड़ान भरने का एक और फायदा यह है कि ड्रोन भारतीय सीमा के भीतर रहते हुए पाकिस्तान या चीन के आंतरिक क्षेत्रों की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।

यह अत्याधुनिक ड्रोन लगभग 1,700 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है, जिसमें 4 मिसाइलें और लगभग 450 किलोग्राम का बम शामिल है। इसकी रेंज 3,218 किलोमीटर है। इस ड्रोन की एक और खासियत यह है कि यह लगातार 35 घंटे तक उड़ान भर सकता है। भारत ने मंगलवार को अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के लिए एक आधिकारिक डील पर हस्ताक्षर किए।

इस दौरान भारत के रक्षा सचिव गिरीधर अरमान भी मौजूद थे। इस घातक ड्रोन के मिलने से भारत की सैन्य शक्ति में भारी इजाफा होगा, जिससे भारतीय सुरक्षा बल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पर मजबूती से सामना कर सकेंगे।

जानकारी के अनुसार, इस डील की कीमत 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। यह घातक ड्रोन ऊंचाई पर लंबी अवधि तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल निगरानी, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और दुश्मन के लक्ष्यों पर हमले के लिए किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस विषय पर चर्चा की थी। अब नई दिल्ली में हुए इस समझौते के तहत, अमेरिकी ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स भारत में ड्रोन की मरम्मत और रखरखाव के लिए एक केंद्र भी स्थापित करेगी। भारत ने इसके लिए अमेरिका के साथ एक और समझौता किया है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह ड्रोन बेहद शक्तिशाली है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने पिछले सप्ताह ही अमेरिका से MQ-9B ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी ड्रोन में से 15 भारतीय नौसेना को मिल सकते हैं, जबकि वायुसेना और थलसेना को 8-8 ड्रोन दिए जाएंगे। इन ड्रोन को चेन्नई के पास INS राजाली, गुजरात के पोरबंदर और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के सरसावा में तैनात किया जा सकता है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानवरहित विमान एयरबोर्न अर्ली वार्निंग, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, एंटी-सतह युद्ध और एंटी-सबमरीन युद्ध में भी उपयोग किया जा सकता है। इन अमेरिकी ड्रोन की मुख्य विशेषता यह है कि वे बिना किसी मौसम की बाधा के लगातार 30 से 40 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।

 

 

 

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