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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीट परीक्षा को लेकर एक बार फिर से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में अब बोल दिया कि क्या केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार नीट परीक्षा के मामले में मेहनती विद्यार्थियों का हक मारना चाहती है एवं अपनी गलती छिपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को हमेशा के लिए खत्म कर रही है।
अशोक गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्हें उक्स के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार पिछले 10 साल से हर जरूरी मुद्दे पर मौन साधकर उस मुद्दे के पब्लिक मेमोरी से गायब होने का इंतजार करती है। ऐसा ही ये अब नीट परीक्षा के मुद्दे पर कर रहे हैं।
पहली परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने में क्यों देरी की जा रही है?
जब जांच एजेंसियों ने मान लिया कि पेपर लीक हुआ है, एनटीए में अनियमितताएं हुईं हैं तो पहली परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने में क्यों देरी की जा रही है? मीडिया में भी इस मुद्दे को दबा सा दिया है।
हमने पेपर रद्द कर दोबारा पेपर करवाया एवं 50,000 बच्चों को नौकरी दी
हमारी सरकार के दौरान 26 लाख अभ्यर्थियों वाली रीट परीक्षा में अनियमितता सामने आने पर हमने पेपर रद्द कर दोबारा पेपर करवाया एवं 50,000 बच्चों को नौकरी दी। अपनी गलती मानकर उसमें सुधार करना लोकतंत्र की खासियत है। क्या केन्द्र सरकार नीट परीक्षा के मामले में मेहनती विद्यार्थियों का हक मारना चाहती है एवं अपनी गलती छिपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को हमेशा के लिए खत्म कर रही है।
PC: rajasthan.ndtv
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