Ashok Gehlot ने एक बार फिर से दिया इस बात पर जोर, सरकार से कर डाली है ये मांग

Hanuman | Wednesday, 26 Mar 2025 08:49:22 AM
Ashok Gehlot once again stressed on this matter, has made this demand from the government

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना को सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बताया है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में एक बार फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

तीन बार प्रदेश के सीएम रह चुके अशोक गहलोत ने इस संबंध में एक्स के माध्यम से बोल दिया कि अगर रेबड़ी या फ्रीबीज बन्द करनी हैं तो जल्द करवाएं सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी)।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी) की मांग कर रहे हैं। यह सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

आज की तारीख में सरकारों के पास ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं है जो परिवारों की सामाजिक, आर्थिक और जातिगत स्थिति को बता सके। इस कारण ऐसी योजनाएं नहीं बनाई जा सकती जो अलग-अलग वर्ग की अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हो। 

अपना जीवन चलाने के लिए धन अर्जित करना बेहद आवश्यक है, परन्तु कई परिवारों में ऐसी विकट परिस्थितियां होती हैं कि वो चाहकर भी एक सामान्य रहन-सहन के लिए आवश्यक धन अर्जित कर सकें। इसका कारण बीमारी, गरीबी, स्किल की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी आदि हैं। 
दुनिया के अनेक विकसित और विकासशील देशों में सभी जरूरतमंद परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बनाकर साप्ताहिक और मासिक तौर पर एक निश्चित राशि दी जाती है, क्योंकि वहां अलग-अलग वर्ग का बेहतर डाटा उपलब्ध है। इससे वहां चुनावी लाभ के लिए फ्रीबीज की घोषणा भी नहीं करनी पड़ती।

पूरे देश में एक जैसी सामाजिक सुरक्षा योजना होने पर अलग-अलग राज्यों पर नहीं पड़ेगा अनावश्यक दबाव 
पूरे देश में एक जैसी सामाजिक सुरक्षा योजना होने पर अलग-अलग राज्यों पर अनावश्यक दबाव भी नहीं पड़ेगा। राजस्थान में राजस्थान न्यूनतम इनकम गारंटी एक्ट से इस दिशा में एक कदम बढ़ाया गया था।  नई सरकार ने इस कानून को ठीक से लागू नहीं रखा, परन्तु हमारे समय भी सही डाटा की व्यापक तौर पर उपलब्धता इसमें भी एक चुनौती थी।

यूपीए सरकार द्वारा करवाई गई एसईसीसी के आधार पर ही वर्तमान में केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत जैसी तमाम योजनाएं चल रही हैं। अब वक्त सामाजिक सुरक्षा कानून का है जिससे अमीर-गरीब की खाई कम हो एवं देश में फ्रीबीज के नाम पर हर राजनीतिक पार्टी द्वारा की जा रहीं घोषणाएं भी रुक सकें।

PC: hindi.news24
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