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देहरादून : लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर उत्तराखंड की पांचों सीटें भाजपा की झोली में जाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने रविवार को कहा कि इस बार चुनौती केवल अपने पिछले मतप्रतिशत के रिकार्ड को तोड़ने की है।
यहां नमो एप वचुर्अल मीट में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटें जीती थीं और 2024 में भी उनपर जीत को लेकर कोई संदेह नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड से लगाव का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में जितना काम किया है, उसकी वजह से प्रदेश की मातृ शक्ति, नौजवान, सैनिक, बड़े- बुजुर्ग सहित सभी लोग उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानते हैं और इसलिए लोकसभा सीटें जीतने में हमें कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा, ''लेकिन पिछली बार चुनाव में हमें मिले मत प्रतिशत के रिकार्ड को तोड़ना हमारे लिए चुनौती है। उस चुनौती को स्वीकार करके हमारा संगठन आगे बढ रहा है। मुझे भरोसा है कि पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त होंगे और मोदी जी दो तिहाई बहुमत से फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।’’
चारधाम यात्रा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल यात्रा में रिकार्ड संख्या श्रद्धालु आए थे और इस बार उनकी संख्या और बढने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी की है। उन्होंने कहा कि इस साल 22 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए अब तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। धामी ने कहा, ''हमारा प्रयास है कि सबकी यात्रा अच्छी हो, सरल हो, किसी को कोई कठिनाई ना हो।’’
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों और चारधाम यात्रा से जुड़े सभी सुझावों पर प्राथमिकता से विचार करते हुए तीर्थयात्रियों के लिए दर्शन की अच्छी व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों से जुड़कर राज्य सरकार आने वाले श्रद्धालुओं का अतिथि देवो भव: की भावना से स्वागत करेगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के उत्तराखंड के माणा गांव में दिए संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सभी से धार्मिक यात्रा में खर्च होने वाली धनराशि में से पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार सबसे निवेदन करती है कि प्रधानमंत्री के आह्वान को अपनी यात्रा में सम्मिलित करें।’’ उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण और विकास में संतुलन साधने की चुनौती के बीच राज्य सरकार ''आर्थिकी भी बढे लेकिन पारिस्थितिकी भी बनी रहे' के मॉडल को लेकर आगे बढ रही है।