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सरकार के इस फैसले का सीधा असर तेल उत्पादक कंपनियों पर पड़ेगा. विंडफॉल टैक्स में बदलाव से तेल कंपनियों को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अधिक टैक्स देना होगा।
सरकार ने विंडफॉल टैक्स में बदलाव किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कर प्रणाली को सरल बनाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स में बदलाव किया है। संशोधित कर अब 6,400 रुपये प्रति टन है। बता दें, किसी भी उद्योग पर सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स तब लगाया जाता है, जब वे उम्मीद से ज्यादा मुनाफा कमाने लगते हैं।
सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) बढ़ाकर 6,400 रुपये प्रति टन कर दिया है। पहले यह जीरो था। हालांकि, सरकार द्वारा घोषित नई बढ़ोतरी से पेट्रोलियम और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पूर्व की भांति विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क शून्य रहेगा।
इसके अलावा सरकार ने डीजल पर निर्यात शुल्क घटाने का भी फैसला किया है। केंद्र सरकार के नए आदेश के मुताबिक डीजल पर SAED 0.50 रुपये प्रति लीटर घटाकर अब शून्य कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले का सीधा असर तेल उत्पादक कंपनियों पर पड़ेगा.
विंडफॉल टैक्स में बदलाव से तेल कंपनियों को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अधिक टैक्स देना होगा। हालांकि, डीजल पर निर्यात शुल्क में कटौती का फायदा सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ही मिलेगा। बता दें, पिछले साल सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान पहली बार विंडफॉल टैक्स लगाया था। सरकार हर दो हफ्ते में विंडफॉल टैक्स में बदलाव करती है।