मंदिर से बाहर निकलते समय क्यों नहीं बजानी चाहिए है घंटी? कारण जानकर होगी हैरानी

varsha | Wednesday, 24 Jul 2024 03:30:30 PM
Why should we not ring the bell while leaving the temple? You will be surprised to know the reason

PC: Amarujala

हिंदू धर्म में मंदिर जाने की परंपरा सदियों पुरानी है। मंदिर जाते समय हम कई तरह के रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, जिनमें से एक है मंदिर की घंटी बजाना। अक्सर हम मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए?

मंदिर की घंटी का महत्व
हिंदू धर्म में माना जाता है कि घंटी की ध्वनि ब्रह्मांड की रचना के समय सुनी गई पहली ध्वनि थी। घंटी बजाने से ओम मंत्र की ध्वनि गूंजती है। घंटी की ध्वनि सीधे हमारे मन पर प्रभाव डालती है, यह तथ्य विज्ञान द्वारा भी समर्थित है। ऐसा माना जाता है कि घंटी की ध्वनि मंदिर की मूर्तियों में दिव्य ऊर्जा को जागृत करती है और भक्ति भावनाओं को बढ़ाती है।

मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?

पुराणों के अनुसार, जब हम मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो हम नकारात्मक विचारों सहित कई तरह के विचार लेकर आते हैं। मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने से ये नकारात्मक विचार नष्ट हो जाते हैं। घंटी, शंख और घंटे की दिव्य ध्वनि हमारे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा और विचारों को दूर करती है। हालांकि, मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी बजाने से संचित दैवीय ऊर्जा बिखर सकती है, इसलिए सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए ऐसा करने से बचना चाहिए।

मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी क्यों बजाएं?
मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने से हमारे शरीर से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवताओं को घंटी की ध्वनि पसंद होती है, इसलिए उन्हें जगाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। घंटी बजाने से मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है, देवताओं का ध्यान आकर्षित होता है और शरीर और आस-पास मौजूद बीमारियों को खत्म करके वातावरण को शुद्ध करता है। इस प्रकार, मंदिर की घंटी बजाने की प्रथा न केवल परंपरा में बल्कि वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं में भी निहित है।

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