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PC: asianetnews
जब रावण मृत्युशैया पर था तब राम ने लक्ष्मण को रावण से उपदेश लेने की सलाह दी थी। श्रीराम, लक्ष्मण से कहते हैं कि नीति, राजनीति और अधिकार के महान विद्वान रावण इस दुनिया से जा रहे हैं इसलिए तुम्हे उनसे जीवन के कुछ पाठ सीख लेने चाहिए जो शिक्षाएं शायद ही उन्होंने कभी किसी को दी हो। तब लक्ष्मण रावण के सिर के पास जा कर खड़े हो जाते हैं लेकिन रावण कुछ नहीं बोलते। वापस आकर लक्ष्मण, राम से कहते हैं कि रावण ने मुझे कुछ नहीं कहा। तब राम लक्ष्मण को कहते हैं कि तुम उनके सिर नहीं पैरों के पास जाकर खड़े हो. ज्ञान लेने के समय पैरों के पास खड़े होना चाहिए। तब लक्ष्मण वापस जा कर उनके पैरों के पास खड़े होते हैं। इसके बाद रावण उन्हें कुछ शिक्षाएं देते हैं।
पंडित रावण ने लक्ष्मण को बताए सफलता के पाठ :
रावण की पहली सलाह : रावण उन्हें अमूल्य सलाह देते हैं कि कभी भी अपने शत्रु को खुद से कमजोर नहीं समझना चाहिए। क्योकिं कई बार जिसे हम कमजोर समझते हैं वो हमसे भी अधिक बलवान होता है।
रावण की दूसरी सलाह : रावण दूसरी सलाह देते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपनी शक्ति का गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए। शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ़ धर्म के लिए करना चाहिए. वरना ये इंसान को बर्बाद कर सकती है।
रावण की तीसरी सलाह : एक व्यक्ति को हमेशा अपने शुभचिंतकों की बात सुननी चाहिए। क्योकिं वे हमारा भला चाहते हैं और इसलिए सलाह देते हैं।
रावण की चौथी सलाह : हमें हमेशा अपने शत्रु और मित्र की पहचान करनी चाहिए। क्योकिं हम अक्सर धोखा खा जाते हैं और जिन्हे दोस्त समझते हैं वो हमारे शत्रु होते हैं और जिन्हे शत्रु समझते हैं वो मित्र होते हैं।
रावण की पाँचवी सलाह : रावण, लक्ष्मण को आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण सलाह देते हैं. हमें कभी भी अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी स्त्री पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए. उनके साथ सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति का सर्वनाश हो जाता है.