विजयादशमी रावण दहन 2024: रावण दहन की राख घर लाना क्यों माना जाता है शुभ?

Trainee | Thursday, 10 Oct 2024 07:59:45 PM
Vijayadashami Ravana Dahan 2024: Why is it considered auspicious to bring home the ashes of Ravana Dahan?

Dussehra 2024 Date: हिंदू धर्म में दशहरा के दिन रावण के दहन के बाद उसकी राख को घर लाने की परंपरा है। रावण को अहंकार और बुराई का प्रतीक माना जाता है, और उसकी राख को घर लाने का अर्थ है बुराई पर अच्छाई की जीत। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस परंपरा के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

दशहरा 2024: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि स्वर्णलंका का निर्माण धनपति कुबेर ने किया था। इसीलिए रावण दहन की राख को घर की तिजोरी में रखने से कुबेर का वास माना जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन होता है। इस कारण विजयादशमी के दिन रावण का पुतला जलाने के बाद उसकी राख को लोग घर लाकर रखते हैं।

कुछ मान्यताओं के अनुसार, हड्डियों की राख को घर में रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है। इस राख को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और घर में शांति एवं खुशहाली बनी रहती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखती है और घर में स्थायी रूप से धन का आगमन होता है।

दशहरा 2024 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे से शुरू होकर 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

रावण दहन का शुभ मुहूर्त (Dussehra Ravan Dahan Ka Shubh Muhurat)
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है। पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर को रावण दहन का शुभ समय शाम 5:53 बजे से रात 7:27 बजे तक रहेगा।

धार्मिक मान्यताएं
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा नवरात्रि के आखिरी दिन आता है और इस दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है, जो शक्ति और साहस की प्रतीक मानी जाती हैं। दशहरे के दिन मां की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि दशहरे पर रावण की राख को घर लाना शुभ होता है, क्योंकि यह अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।

रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण का दहन करने के बाद उसकी राख को घर लाना इस बात का प्रतीक है कि हमने बुराई को हरा दिया है और अब अच्छाई की स्थापना करेंगे। रावण की राख को घर लाकर हमें अपने भीतर की बुराइयों को समाप्त करने और जीवन में अच्छे गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है। दशहरा एक ऐसा अवसर है जब समाज में एकता और भाईचारे का संदेश फैलता है। इस प्रकार, दशहरा न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहार भी है, जो लोगों को एकजुट करता है।



 


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