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PC: asianetnews
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है और इसके सिद्धांतों के अनुसार, कोने में प्रॉपर्टी या घर खरीदने से कई नुकसान हो सकते हैं।
कोने पर घर होना, खास तौर पर सड़कों के चौराहे पर, वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसे घरों में शांति और सद्भाव की कमी होती है और रहने वालों को कई वास्तु दोषों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानें क्यों।
कोने का घर अशुभ क्यों माना जाता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कोने के घर केतु ग्रह से प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे तीन दिशाओं से खुले होते हैं। ज्योतिष में केतु को एक अशुभ ग्रह माना जाता है और इसके प्रभाव से घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।
शुरू में, कोने के घर में रहना हानिरहित लग सकता है, लेकिन समय के साथ, इसके प्रभाव स्पष्ट होने लगते हैं। वित्तीय कठिनाइयाँ, परिवार के भीतर बढ़ते संघर्ष और परिवार के सदस्यों की बिगड़ती सेहत जैसी समस्याएँ सामने आने लगती हैं।
वास्तु आगे चेतावनी देता है कि ऐसे घर नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करते हैं, जिससे परिवार में अशांति और कलह होती है। हालांकि, केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ खास उपाय इन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे शांति और सद्भाव आता है।
इन उपायों का पालन करके, कोई भी कोने वाले घर में रहने से जुड़े वास्तु दोषों को दूर कर सकता है और इससे जुड़ी समस्याओं से बच सकता है।
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