- SHARE
-
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है। हालांकि, शास्त्रों में कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियों को घर के मंदिर में रखने की मनाही की गई है। ऐसा माना जाता है कि इन मूर्तियों को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे परिवार को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन प्रमुख मूर्तियों के बारे में जिन्हें घर के मंदिर में रखने से बचना चाहिए।
- भैरवनाथ की मूर्ति
भैरवनाथ भगवान शिव के रौद्र अवतार माने जाते हैं। उनकी पूजा आमतौर पर ऊपरी बाधाओं से बचने और विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है।
क्यों नहीं रखें भैरवनाथ की मूर्ति?
- घर में भैरवनाथ की मूर्ति रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- आर्थिक समस्याएं और स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या करें?
भैरवनाथ की पूजा केवल उनके मंदिर में करें।
- शनिदेव की मूर्ति
शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से शनिवार को की जाती है।
क्यों नहीं रखें शनिदेव की मूर्ति?
- घर में उनकी मूर्ति स्थापित करने से पूजा विधि में त्रुटि होने का खतरा रहता है।
- शनिदेव के क्रोध का प्रभाव परिवार पर विपरीत पड़ सकता है।
- घर में अशांति और समस्याओं का आगमन हो सकता है।
क्या करें?
शनिदेव की पूजा उनके मंदिर में जाकर करें।
- राहु-केतु की मूर्तियां
राहु और केतु को छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है।
क्यों नहीं रखें राहु-केतु की मूर्तियां?
- राहु-केतु की मूर्तियां घर में मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याएं ला सकती हैं।
- घर में नकारात्मक ऊर्जा और अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या करें?
इनकी पूजा भी केवल उनके मंदिर में ही करें।
यदि गलती से रख दी हैं ये मूर्तियां तो क्या करें?
- मूर्तियों को सम्मानपूर्वक उनके मंदिर में ले जाकर पुजारी को सौंप दें।
- इसके बाद घर में पूजा-अर्चना और सकारात्मक ऊर्जा के लिए हवन या पूजा करवाएं।
वास्तु और धार्मिक नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।