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पीपीएफ योजना की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है। इस खाते को चलाने वाले लोग हर वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं। लोग एक वित्तीय वर्ष में जितना अधिक निवेश कर पाएंगे, लोग हर साल 80C के तहत उतना अधिक कर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
आयकर: लोगों को अपनी आय पर भी कर देना पड़ता है। हर साल लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है। वहीं, टैक्सेबल इनकम के कारण लोगों को भी टैक्स देना पड़ता है। हालांकि कई ऐसी योजनाएं भी चल रही हैं, जिनके जरिए टैक्स भी बचाया जा सकता है। आज हम आपको उन्हीं में से एक स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टैक्स सेविंग में काम आ सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
पीपीएफ योजना
हम जिस योजना की बात कर रहे हैं उसका नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) है। यह योजना केंद्र सरकार के माध्यम से चलाई जा रही है। इस स्कीम में लोग हर साल कुछ रकम निवेश कर सकते हैं। लोगों को निवेश की गई राशि पर ब्याज मिलता है और निवेश की गई राशि पर हर साल टैक्स भी बचाया जा सकता है। इस योजना के तहत मिलने वाले ब्याज की हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है। इस योजना के तहत फिलहाल 7.1 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है.
टैक्स बेनिफिट पीपीएफ स्कीम में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसके साथ ही पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत आईटीआर फाइल करने पर सेक्शन 80सी में इस योजना का लाभ मिलता है। अगर कोई शख्स पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत आईटीआर फाइल करता है तो पीपीएफ स्कीम के जरिए सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट लिया जा सकता है।
80सी के तहत लाभ, जबकि पीपीएफ योजना की मैच्योरिटी 15 साल है। इस खाते को चलाने वाले लोग हर वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं। लोग एक वित्तीय वर्ष में जितना अधिक निवेश कर पाएंगे, लोग हर साल 80C के तहत उतना अधिक कर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
(pc rightsofemployees)