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PC: news18
नवरात्री की अष्टमी, नवमी को लोग कन्या पूजन करते हैं। कन्या पूजन से माता दुर्गा प्रसन्न होती है। दरअसल कन्याओं को माँ दुर्गा का रूप माना गया है। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन का खास महत्व बतलाया गया है। आइए जानते हैं कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
नवरात्री के नौ दिनों में कई लोग हर एक दिन कन्या पूजन करते हैं। कन्या के पूजन से घर के सारे संकट दूर हो जाते हैं और खुशहाली आती है। जो लोग हर रोज कन्या पूजन नहीं कर सकते हैं, उन्हें अष्टमी या नवमी तिथि में 9 कन्या का पूजन जरूर करना चाहिए।
क्या है शुभ मुहूर्त
इस साल अष्ट्मी तिथि की शुरुआत10 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन अगले दिन 11 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। नवमी तिथि 11अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 12 अक्टूबर सुबह 05 बजकर 12 तक रहने वाला है. उसके बाद दशमी तिथि प्रारम्भ हो रही है। अष्ट्मी का व्रत 11 अक्टूबर को रखें और उसी दिन सुबह 06 बजकर 52 मिनट के बाद हवन आदि कर सकते हैं और इसके बाद 09 बजे से लेकर 10 बजे के बीच कन्या पूजन करें। कन्याओं को पान जरूर खिलाना चाहिए।
ऐसे दें कुंवारी कन्याओं को विदाई…
ज्योतिषाचार्य के अनुसार कुंवारी कन्याओं को पान जरूर खिलाना चाहिए। उसके बाद फल और दक्षिणा जरूर दें। इसके अलावा श्रृंगार का सम्मान लाल चुनरी देकर ही विदा करें। इस से माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं।
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