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वैदिक ज्योतिष (ज्योतिष शास्त्र) में शनि देव को कठोर ग्रह माना जाता है। इसका कारण यह है कि शनि देव व्यक्तियों को उनके कर्मों के आधार पर पुरस्कृत या दंडित करते हैं। यदि कोई व्यक्ति जाने-अनजाने में गलत काम करता है, तो वह शनि की दृष्टि से बच नहीं सकता है, और उसे अपने कर्मों का परिणाम अवश्य भुगतना पड़ता है।
जब शनि देव नाराज होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में परेशानियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। उनके क्रोध के कारण कड़ी मेहनत के फल मिलने में बाधा आती है, रिश्तों में तनाव पैदा होता है, पारिवारिक संबंध टूटते हैं और वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, ऐसे कार्यों से बचना ज़रूरी है, जिनसे शनि देव नाराज़ हो सकते हैं।
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इसके अलावा, जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि कमज़ोर है, या वे शनि साढ़े साती (शनि के प्रभाव की साढ़े सात साल की अवधि) या शनि ढैय्या (ढाई साल का चरण) से गुज़र रहे हैं, उन्हें जीवन में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यहाँ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं। ये उपाय साढ़ेसाती और ढैया के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
शनिवार को पूजा: ज्योतिष के अनुसार, शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से वे अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने की भी सलाह दी जाती है, जिससे कष्टों का निवारण होता है और परेशानियों से राहत मिलती है।
पीपल के पेड़ की पूजा करें: शनि महाराज की पूजा करने के साथ-साथ भक्तों को शनिवार को पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए। इसके नीचे जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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क्षमा मांगें: यदि आपसे जाने-अनजाने में कोई गलती हुई है, तो शनिदेव से क्षमा मांगें। अपने गलत कामों के लिए पश्चाताप करें, अच्छे कर्म करने का संकल्प लें और सच्चे मन से क्षमा मांगें। शनिदेव आपको समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।
जरूरतमंदों की मदद करें: शनिदेव की कृपा पाने के लिए कभी भी मासूम जानवरों, मजदूरों, असहायों या बुजुर्गों के साथ बुरा व्यवहार न करें। कम भाग्यशाली लोगों के प्रति दया दिखाना उनकी कृपा पाने की कुंजी है। इन उपायों का पालन करके और सही मार्ग पर चलते हुए, आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और उनके प्रभाव के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सकते हैं।
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