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SBI स्कीम: निवेश पर नहीं लेना चाहते कोई जोखिम और चाहते हैं गारंटीड रिटर्न? एसबीआई की "एसबीआई वी-केयर" ऐसी ही एक योजना है। आइए जानते हैं इस योजना में निवेश के फायदे, साथ ही यह योजना कितने समय में आपका पैसा दोगुना कर सकती है।
यदि आपके पास कुछ अतिरिक्त पैसा पड़ा हुआ है और आप इसे कहीं सुरक्षित और गारंटीशुदा रिटर्न के लिए पार्क करना चाहते हैं, तो सरकारी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करना एक बुद्धिमान निर्णय हो सकता है। डाकघरों और भारतीय स्टेट बैंक जैसे सरकारी बैंकों में सावधि जमा उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो निवेश पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, एक अंतराल के बाद अपने पैसे पर गारंटीशुदा रिटर्न चाहते हैं। एसबीआई की "एसबीआई वी-केयर" ऐसी ही एक योजना है। आइए जानते हैं इस योजना में निवेश के फायदे, साथ ही यह योजना कितने समय में आपका पैसा दोगुना कर सकती है।
"एसबीआई वी-केयर" जमा योजना
सरकारी बैंक की यह योजना एक विशेष सावधि जमा योजना है, जो विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई जाती है। इसमें निवेशकों को उनके टर्म डिपॉजिट पर ऊपर से ब्याज भी मिलता है यानी दोगुना फायदा।
इस योजना की कुछ खास बातें
यह एक घरेलू टर्म डिपॉजिट है, जिसमें आप कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल के लिए 2 करोड़ से कम का निवेश कर सकते हैं।
– स्कीम के तहत इस पर 7.50% की दर से ब्याज मिल रहा है. इसमें कार्ड रेट पर 30bps अतिरिक्त प्रीमियम अलग से दिया जा रहा है.
मैच्योरिटी पर आपको ब्याज मिलता है. इस पर आपको लोन की सुविधा भी मिलती है.
कब दोगुना होगा पैसा?
अगर आप इस स्कीम में 5 लाख का निवेश 10 साल तक रखते हैं तो आपको दोगुनी से भी ज्यादा रकम मिलेगी. देखिए कैलकुलेशन-
आपका कुल निवेश- 5 लाख
ब्याज दर - 7.50%
समयावधि - 10
=
निवेश की कुल राशि - 5 लाख
अनुमानित रिटर्न- 5,51,175
शुद्ध मूल्य – 10,51,175
एसबीआई खुदरा घरेलू सावधि जमा कैलकुलेटर
अगर एसबीआई वी केयर के फायदे को हटा दें और आम निवेशक के लिए टर्म डिपॉजिट की दर पर नजर डालें तो बैंक फिलहाल 6.5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है. ऐसे में देखें आपको कितना रिटर्न मिलेगा-
आपका कुल निवेश- 5 लाख
ब्याज दर - 6.50%
समयावधि - 10
=
निवेश की कुल राशि - 5 लाख
अनुमानित रिटर्न- 4,52,779
शुद्ध मूल्य – 9,52,779
याद रखें कि यह गणना इस धारणा पर आधारित है कि आपको पूरी निवेश अवधि के लिए 7.5% और 6.5% की दर से ब्याज मिलेगा, लेकिन ध्यान रखें कि इन 10 वर्षों में बैंक अपनी ब्याज दरों को ऊपर-नीचे भी कर सकते हैं।
(pc rightsofemployees)