- SHARE
-
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपनी स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम फिर से शुरू कर दी है। इस योजना में निवेश करने वालों को सात प्रतिशत से अधिक की दर से ब्याज मिलेगा।
स्टेट बैंक की इस खास एफडी योजना का नाम अमृत कलश योजना है। बैंक ने इस FD स्कीम को फिर से शुरू कर दिया है. इससे पहले बैंक ने यह खुदरा सावधि जमा योजना एक निश्चित अवधि के लिए शुरू की थी और यह 15 फरवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक निवेश के लिए उपलब्ध थी।
कितना मिल रहा ब्याज?
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, बैंक 400 दिन की विशेष सावधि जमा योजना 'अमृत कलश' पर 7.10 फीसदी की दर से ब्याज देगा. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को इसके तहत 7.60 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. इस योजना को 12 अप्रैल 2023 से निवेश के लिए फिर से खोल दिया गया है और यह योजना 30 जून तक निवेश के लिए उपलब्ध है।
हर महीने ब्याज ले सकते हैं
अमृत कलश योजना में निवेश करने वाले मासिक, तिमाही और छमाही आधार पर ब्याज ले सकते हैं। इस विशेष एफडी जमा पर परिपक्वता ब्याज टीडीएस काटकर ग्राहक के खाते में जमा किया जाएगा। आयकर अधिनियम के तहत लागू दर पर टीडीएस लगाया जाएगा। अमृत कलश योजना में समय से पहले और ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है।
1 लाख के निवेश पर कितना ब्याज?
मान लीजिए कि एक सामान्य निवेशक इस योजना के तहत 1 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे ब्याज के रूप में सालाना 8,017 रुपये की कमाई होगी। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज के रूप में 8,600 रुपये मिलेंगे। यह योजना 400 दिनों में परिपक्व होगी। यानी आपको इस योजना के तहत 400 दिनों के लिए निवेश करना होगा। अमृत कलश स्पेशल एफडी में आप दो करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इस योजना में समय से पहले निकासी का प्रावधान है। साथ ही लोन लेने की सुविधा भी मिलती है।
ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं
बैंक के मुताबिक अमृत कलश योजना में निवेश के लिए अलग से उत्पाद कोड की जरूरत नहीं है। इस स्कीम में निवेश करने के लिए आप एसबीआई के योनो बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप ब्रांच में जाकर भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं।
पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी की थी। इसके बाद देश के बैंकों ने अपनी एफडी स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा किया था। एफडी को आकर्षक बनाने के लिए बैंकों ने ब्याज दर में बढ़ोतरी के साथ नई योजना भी शुरू की थी।