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pc: abplive
मंगलवार, 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। इनमें से एक मुख्य आकर्षण दूरसंचार उपकरणों के लिए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) पर शुल्क में वृद्धि थी, जो 10% से बढ़कर 15% हो गई। इस बदलाव का सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ने की उम्मीद है।
PCBA शुल्क में वृद्धि के साथ, दूरसंचार उपकरणों की लागत में वृद्धि होने की संभावना है। नतीजतन, अल्पावधि में, दूरसंचार कंपनियाँ एक बार फिर रिचार्ज प्लान बढ़ा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, इससे 5G सेवाओं के रोलआउट में भी कमी आ सकती है।
महंगे टैरिफ प्लान्स का करना पड़ेगा सामना
दूरसंचार उपकरणों की बढ़ी हुई लागत से दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए परिचालन लागत में वृद्धि होगी। नतीजतन, ग्राहकों को उच्च सेवा शुल्क या अधिक महंगी टैरिफ योजनाओं का सामना करना पड़ सकता है। PCBA शुल्क में वृद्धि से भारत में दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार की गति भी बाधित हो सकती है।
यह स्थिति इसलिए उत्पन्न होती है क्योंकि नेटवर्क विस्तार की लागत बढ़ जाएगी, जिससे संभावित रूप से इन परियोजनाओं की गति धीमी हो सकती है। दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा, जिससे 5G सेवाओं के रोलआउट में देरी हो सकती है।
सकारात्मक बात यह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोलर पैनल और लिथियम बैटरी की कीमतों में कटौती का भी जिक्र किया, जिससे फोन और वाहन बैटरी की लागत कम होगी। इसके अलावा, ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की दर 1% से घटाकर 0.1% कर दी गई है, जिससे यह लगभग शून्य हो गई है। इसके अतिरिक्त, मोबाइल फोन और चार्जर पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 15% कर दिया गया है।
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