RBI New Guideline: पांच और दस रुपए के सिक्कों को लेकर आरबीआई की नई गाइडलाइन, चेक करें नई गाइडलाइन

Preeti Sharma | Tuesday, 23 May 2023 02:38:54 PM
RBI New Guideline: RBI’s new guideline regarding coins of five and ten rupees, check new guideline

बाजार में सिक्कों के चलन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। बाजार में दुकानदारों द्वारा सिक्के नहीं लेने पर आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है।


व्यापारी सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं, वहीं कुछ बैंकों में सिक्के वापस होने के बाद बाजार में दुकानदार भी लेने से साफ इंकार कर रहे हैं. दुकानदार यह कहकर सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं कि उनसे बड़े दुकानदार भी सिक्के नहीं ले रहे हैं, ऐसे में उन्होंने स्टॉक कर लिया है, जबकि बैंक में सिक्के जमा करने में आनाकानी की जा रही है.

ऐसे में उन्होंने भी सिक्के लेना बंद कर दिया है। वहीं जिला बाजार में दुकानदारों व लोगों के पास लाखों रुपये से अधिक के पचास पैसे, एक, दो और पांच रुपये के सिक्के अटके हुए हैं.

सिक्के लेने से मना नहीं कर सकता कोई बैंक-

बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर का कहना है कि कोई भी बैंक सिक्के लेने से मना नहीं कर सकता. आरबीआई द्वारा कोई सिक्का चलन से बाहर नहीं किया गया है। अगर कोई दुकानदार सिक्का लेने से मना करता है तो संबंधित ग्राहक उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

जिला डाकघर के अधीक्षक का कहना है कि आरबीआई द्वारा जारी कोई भी सिक्का चलन से बाहर नहीं किया गया है. यदि कोई खाताधारक डाकघर में सिक्के लाता है तो उसे जमा कर दिया जाता है। वहां से सिक्के आरबीआई में जमा किए जाते हैं। अभी तक डाकघर के सिक्कों को स्वीकार नहीं किए जाने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

पुजारियों के सामने संकट

जिले के मंदिरों में ज्यादातर एक और दो रुपए के सिक्के प्रसाद के रूप में आते हैं। वहीं जब दान पेटी खोली जाती है तो उसमें भी अधिक सिक्के निकलते हैं। ऐसे में जब इन्हें बाजार ले जाया जाता है तो दुकानदार इन्हें लेने से मना कर देते हैं। ऐसे में पुजारी दूसरे जिलों में इनका सेवन कर रहे हैं।

सजा का प्रावधान-

भारतीय दंड संहिता की धारा 489A से 489E के तहत नोटों या सिक्कों की नकली छपाई, नकली नोटों या सिक्कों का प्रचलन और असली सिक्कों को स्वीकार करने से इनकार करना अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी भी कानूनी अदालत द्वारा मौद्रिक जुर्माना, कारावास या दोनों का प्रावधान है। ऐसे में अगर कोई आपसे सिक्का लेने से मना करता है तो जरूरी सबूत के साथ कार्रवाई की जा सकती है।

यह है आरबीआई का नियम-

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा परिचालित मुद्रा को तब तक लेने से कोई मना नहीं कर सकता जब तक कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इसे वापस लेने की घोषणा नहीं की जाती है। क्योंकि यह कानून का उल्लंघन है। रिजर्व बैंक की मुद्रा स्वीकार करने से इंकार करना धारा 124ए के तहत दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान करना देशद्रोह की श्रेणी का अपराध है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है. ऐसे आरोपी पर कोर्ट जुर्माना भी लगा सकती है।

क्या यह क्रिया हो सकती है?

यदि कोई व्यक्ति कोई सिक्का लेने से मना करता है (यदि सिक्का प्रचलन में है) तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले की शिकायत रिजर्व बैंक से भी की जा सकती है। इसके बाद दुकानदार या जो भी सिक्के लेने से मना कर रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

(pc businessleague)



 


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